और हम उनकी यादों में खोये रहते हैं... और हम उनकी यादों में खोये रहते हैं...
हरियाली होगी जब कानन में खुशहाली होगी तब आंगन में । हरियाली होगी जब कानन में खुशहाली होगी तब आंगन में ।
हम रहते हैं सदा मालिक के साथ छाया-वलय की साया भिड़ते बाथ। हम रहते हैं सदा मालिक के साथ छाया-वलय की साया भिड़ते बाथ।
वो दौर भी दूर नहीं जब ये हमपे राज करेंगे, आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस का हम शिकार बनेंगे, वो दौर भी दूर नहीं जब ये हमपे राज करेंगे, आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस का हम शिकार ...
देने लगा है दस्तक शाम अब दरवाजे पर, देखो परिंदा घर को लौटने लगा है। देने लगा है दस्तक शाम अब दरवाजे पर, देखो परिंदा घर को लौटने लगा है।
खुद को मिटाकर तुझ पर मरने की चाहत होती है। खुद को मिटाकर तुझ पर मरने की चाहत होती है।